आर्यभट एक भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। उन्होंने कई प्रसिद्ध पुस्तके लिखी जैसे की आर्यभटीय, कलियुग, और आर्य -सिद्धांत। बाद में ब्रह्मगुप्त जैसे टिप्पणीकारों ने उनके काम को गणित, कलाक्रिया (समय पर गणना) और गोलापाद (गोलाकार खगोल विज्ञान) में विभाजित किया।
आर्यभट का जान 476 सीई में गुप्त साम्राज्य के कुसुमपुरा (पाटलिपुत्र) में हुआ था जो की आधुनिक भारत के पटना शहर (बिहार) में स्तिथ है। आर्यभट्ट ने π के मान को दशमलव के चौथे अंक तक परिकलित किया और संभवतः इस बात से वाकिफ थे कि π एक अपरिमेय संख्या है।
आर्यभट के कोट्स हिंदी में
आइंस्टीन की तरह करो,
न्यूटन की तरह सोचो,
आर्यभट्ट की तरह खोजें,
गेट्स की तरह जिंदगी जिएं
एक दिन आर्यभट्ट मेरी गर्लफ्रैंड की खोज करने को जा रहा था उस चक्कर में उसने शून्य की खोज कर दी