Aankhen Quotes in Hindi

आँखें कोट्स हिंदी में

झूठ बोला जा सकता है,
लेकिन आँखों से छुपाया नहीं जा सकता।

कुछ बात है की आँखें चुरा रहे हो,
बेवफा होके किसी और से वफ़ा निभा रहे हो।

इश्क़ में अक्सर आँखों ही आँखों से बात हो जाती है।

आँखें इंसान के मन का आईना होता है।

क्या खूब तुमने इश्क़ छुपाया मुझसे,
होठों से कुछ नहीं और आँखों से सब बयाँ कर दिया।

आँखों ही आँखों में तुमने क्या कह डाला,
वक्त थम गया और दिल ठहर सा गया।

ना हम आँख झुका कर, ना आँख दिखा कर,
हम बात करते है तो आँख मिला कर ।

इश्क़ आँखों से ही दिल में उतरता है।

गवाह है तेरी नजरें तेरी मुहब्बत का,
तू लाख चाहे होठों से इंकार कर।

अदालत में झूठ हर बार पकड़ा जाता,
अगर गवाही मुंह के बदले आँखों से दी जाती।

आँखों में अपने सपने संजोए,
आप ज़िंदगी के रह पर चलते नजर आएंगे।

है कैसा ये नशा की आँखों में तुम बसे हो,
और हर पल ये नज़रे तुम्हें ही ढूंढती है।

आँख से अँधा होना अक्ल से अँधा होने से ज्यादा बेहतर है।

यूँ ही मुझे इश्क़ की आहट मिली ना थी,
नज़रों ने तेरी इशारे तो दिये ही थे।

आँखों में ख्वाब अब तक सजा रखा है,
के तेरी आँखों में चेहरा सिर्फ मेरा बसा हो।

आँखों में अपने समंदर समेटा हूँ,
ऐ ज़ालिम तू मेरे ज़ख्मों को मत खुरेद।

तुमसे नज़रें क्या मिली,
तीर दिल के पार चली गई।

आँखें तुम्हारी आज भी गुमराह कर जाती है,
कोसना चाहता हूँ जबरन तुम्हें बेवफा कह कर।

अब तुम्हारी आँखों की खूबसूरती का क्या कहूं,
अँधेरी रात में दो-दो चाँद खिला हो जैसे।

तुमने होठों पर छुपाये रखा,
मैंने आँखों से सारी बात पढ़ ली।

जब दिल खामोश हो जाते है,
तब आँखों से ही बातें होती है।

जो ज़ुबान से,
हमारी बात नहीं समझते,
वो आँखों से क्या समझेंगे।

इश्क़
आँखों से की जाती है,
बातों में क्या रखा है।

आँखें देखते हो,
कभी नज़रिया भी देख लिया करो।

आँखों की बातें आँखों से समझ लेते है,
जो प्यार करते है वो हद से गुजर जाते है।

हम अपनी आँखों को भूल सकते है,
लेकिन उनकी आँखों को नहीं भुला सकते।

कुछ जादू है उनकी आँखों में,
इशारों से घायल हजारों हो जाते है।

मैं तुम्हें भूल सकता हूँ, तुम्हारी आँखों को नहीं।
तुम मुझ से दूर जा सकते हो, मेरी यादों से नहीं।

आईना आंखों के राज़ बयां करता है,
जाने क्यों किसी अपने के दिए ज़ख्म बयां करता है।

शर्मिंदा हो जाती है
अक्सर वो आँखें।
जिनमे हया छुपी होती है।

अकसर मेरे ख्वाब भीग जाते है,
जब उसकी आँखों से आँसूं निकलते है।

आँखें बहुत राज़ बतलाती है,
बस पढ़ने आनी चाहिए।

खूबसूरती सूरत में नहीं होती है,
देखने वालों की आँखों में होती है।

हर सुबह इन आँखों को तुम्हारा दीदार होता है,
और अब दुनिया में किसी और का दीदार नहीं करना।

आँखे बताती है की किस दर्द से गुज़रा है ये शख्स।

कुछ शिकायतें उनकी आँखों से,
वरना मैं इस कदर इस दुनियां में पागल ना होता।

मैं सरे बाजार उनसे चेहरा छिपा कर गुज़र रही थी,
आँखो ने मुझे बेनकाब कर दिया।

मैने सोचा बिन बताए अबउन्हे बताने कि कोशिश करूंगी,
उन्होंने मेरे बिना कुछ करे आँखो से सब समझ लिया।

मेरी मोहब्बत में किसी का सबसे ज्यादा नाम हुआ है वो है आंखें।

मैं यूँही मयखाने में जाता रहा नशा ढूंढ़ने,
मुझे तेरी आँखो कातो याद हीनहीं आया।

झील सी है ये तेरी आंखें,
हर बार देख कर डूब जाता हूं इनमे।

मुझे अपना बना लेती हैं ये तेरी आंखें, ये बड़ी चोर हैं मुझे चुरा लेती हैं ये तेरी आंखें।

अजब किस्सा है इन तेरी नजरों का,
हर बार मुझपे वार कर के चली जाती हैं।

असल इश्क़ तो तेरे आँखो से हुआ मुझे और तो बस यूँही था।

एक बार गलती से देख लिया था तेरी आँखों को,
अब तक होश में नहीं हूं।

शबनमी आंखें हैं उसकी,
हर बार मुझे दीवाना बना देती हैं।

क़ैद ख़ानें हैं बिन सलाख़ों के,
कुछ यूँ चर्चें हैं तुम्हारी आँखों के

मैं जिसे ओढ़ता-बिछाता हूँ, वो ग़ज़ल आपको सुनाता हूँ।
एक जंगल है तेरी आँखों में, मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ।

वो कहने लगी, नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच?
मैंने मुस्करा के कहा, तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था इश्क हज़ारों के बीच

झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है

तुम्हारी याद में आँखों का रतजगा है,
कोई ख़्वाब नया आए तो कैसे आए

यूँ ही गुजर जाती है शाम अंजुमन में,
कुछ तेरी आँखों के बहाने कुछ तेरी बातो के बहाने

ये आईने नही दे सकते तुम्हे तुम्हारी खूबसूरती की सच्ची ख़बर,
कभी मेरी इन आँखों में झांक कर देखो की कितनी हसीन हो

आँख से दूर सही दिल से कहाँ जाएगा जाने वाले तो हमें याद बहुत आएगा

आपकी आँखें उठी तो दुआ बन गई,
आपकी आँखें झुकी तो अदा बन गई,
झुक कर उठी तो हया बन गई,
उठ कर झुकी तो सदा बन गई

मुझसे जब भी मिलो नजरें उठाकर मिलो,
मुझे पसंद है अपने आप को तुम्हारी आँखों में देखना

हर बार तेरी मुस्कुराती आँखों को देखता हूँ,
चला आता हूँ तेरे पास ख़यालों में उड़ते हुए

मेरे बस में अगर होता हटा कर चाँद तारों को,
मैं नीले आसमां पे बस तेरी आँखें बना देता

हज़ार बार मरना चाहा निगाहों मैं डूब कर हमने फ़राज़
वो निगाहें झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते

नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से,
मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले

क्या कशिश थी तुम्हारी आँखों मे,
तुझको देखा और तेरा हो गया

उसकी आँखें सवाल करती हैं,
मेरी हिम्मत जवाब देती है

रात गुजारी फिर महकती सुबह आई ,
दिल धड़का फिर तुम्हारी याद आई.
आँखों ने महसूस किया उस हवा को ,
जो तुम्हें छु कर हमारे पास आई

हम भटके हुए एक राही थे
दुनिया की अंधेरी राहों मैं,
जीने की तमन्ना जाग उठी
देखा जो तुम्हारी आँखों मैं
जीने का सहारा देके हमें
अब दूर हमी से जाते हो,
इज़हारे वफा करते -करते
क्या बात है क्यों रूक जाते हो

जो सुरूर है तेरी आँखों में वो बात कहां मैखाने में,
बस तू मिल जाए तो फिर क्या रखा है ज़माने में

अब तो उसे से मिलना और भी ज़रूरी हो गया है,
सुना है उसकी आँखों मैं मेरा अक्स नज़र आता है

तुम्हारी निगाहें बहुत बोलती हैं,
जरा अपनी आँखों पे पलके गिरा दो

सुकून की तलाश में तुम्हारी आँखों में झाँका था,
किसे पता था कम्बखत दिल का दर्द और मिल जाएगा

सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैं,
इजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों

तुम्हारी आँखों की तौहीन है ज़रा सोचो?
तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है.. मुनव्वर राना

बहुत अंदर तक तबाही मचाता है,
वो आँसू जो आँखों से बह नहीं पता है

चख के देख ली दुनिया भर की शराब की बोतलें,
जो नशा तेरी आँखों में था वो किसी में नहीं

जब बिखरेगा तेरी गालों पे तेरी आँखों का पानी,
तब तुझे एहसास होगा की मोहब्बत किसे कहते है

रातों की गहराई आँखों से उतर आई,
कुछ खवाब थे और कुछ मेरी तनहाई
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के -हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ मेरी बेवफ़ाई

वो आंखो मैं काजल, वो बालों मैं गजरा,
हथेली पे उसके हीना महकी-महकी,
ये कौन आ गयी दिलरुबा महकी-महकी,
फ़िजा महकी -महकी हवा महकी-महकी

रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर

उसने आँखों से आँखें जब मिला दी, ज़िंदगी झूम कर मुस्कुरा दी,
ज़ुबान से तो हम कुछ न कह सके, पर आँखों ने दिल की कहानी सुना दी

पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त,
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है

अबकी बार तुम मिले तो पलके बंद ही रखेंगे,
ये बातूनी आंखें मुंह को कुछ बोलने नहीं देती

जो उनकी आँखों से बयां होते हैं,
वो लफ्ज़ शायरी में कहाँ होते हैं

तेरी आँखों के जादू से, तू ख़ुद नहीं है वाकिफ़,
|ये उसे भी जीना सिखा देती हैं, जिसे मरने का शौक़ हो

न जाने क्या कशिश है उसकी मदहोश आँखों में,
नज़र अंदाज़ जितना भी करों नज़र उसी पर जाती है

सागर से गहरी हैं आपकी आँखें, दिल की खुशी है आपकी आँखें,
प्यार का जाम हैं आपकी आँखें, छुपाए कई राज़ हैं आपकी आँखें, ले लेंगी मेरी जान आपकी आँखें

तुमने कहा था, आँख भर के देख लिया करो मुझे,
अब आँख भर आती है पर तुम नज़र नहीं आते

न जाने क्या है किसी की उदास आँखों में,
वो मुंह छुपा के भी जाए तो बेवफ़ा न लगे

मैं उम्र भर जिनका न दे सका कोई जवाब,
वह इक नजर में इतने सवालात कर गये

सौ सौ उम्मीदें बंधती है इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई

ज़ीना मुहाल कर रखा है मेरी इन आँखों ने
खुली हो तो तलाश तेरी, बंद हो तो ख्वाब तेरे

खुबसूरत है ऑंखें तेरी रात को जागना छोड़ दे,
खुद-ब-खुद नींद आ जायगी तो मुझे सोचना छोड़ दे

तेरी आँखों से कलियाँ खिलें, तेरे आँचल से बादल उड़े,
देख ले जो तेरी चाल को, मोर भी नाचना छोड़ दे

आपकी आंखें वे शब्द बोलती हैं,
जो आपके होंठ कभी नहीं कहते

वक़्त के हाथ में डोर है, अक्ल इन्सा की कमज़ोर है,
जो है क़िस्मत में होगा वही जानेमन सोचना छोड़ दे

अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है,
एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है?

ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल पर वार करते हो,
करते तो ज़ूल्म हो साहिब मगर कमाल करते हो

तेरी आँखों से छलकी हुई जो भी एक बार पी ले
अगर फिर वो मयख्वार ए साकिया, जाम ही मांगना छोड़ दे

अपनी आँखों मैं छुपा रखे हैं जुगनू मैंने,
अपनी पलकों मैं सजा रखे हैं आँसू मैंने
मेरी आँखों को भी बरसात का मौक़ा दे दे
सिर्फ एक बार मुलाक़ात का मौक़ा दे दे

मैकदे बंद करें लाख जमाने वाले,
शहर मैं कम नहीं आँखों से पिलाने वाले

कभी मेरी आँखों से आँखे मत मिलाना,
फिर मत कहना की ना चाहते हुए भी प्यार हो गया

कैसे बयाँ करें हम यह हाल-ए-दिल आपको,
कि तुम्हीं हो जिसके बगैर हम रह नहीं सकते

क्या कशिश थी उसकी आंखों में मत पूछो,
मुझसे मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे वह शख्स चाहिए

होठों को छूआ उसने एहसास अब तक है,
आँखों में नमी और साँसों में आग अब तक है,
वक़्त गुज़र गया पर याद उसकी अब तक है,
क्या पानीपूरी थी यार स्वाद अब तक है

आँखों की गहराई को समझ नहीं सकते,
होंठों से हम कुछ कह नहीं सकते

तेरी आँखों में जो संवर जाये वो ख्वाब हूँ मैं,
तेरे नाम पे जो लुट जाये, वो प्यार हूँ मैं

आँखों‬ में तेरा सपना,‪ ‎दिल‬ में तेरी ख्वाहिश, ‎
बस‬ हमेशा यूँ ही साथ रहना,‪ ‎इतनी‬ सी है गुजारिश

आंखें मुंह से ज्यादा बोलती हैं,
इसे पढ़ने की कोशिश करें

इजहार ऐ इश्क महफिल में आँखों से बयाँ हो रहा था,
कैसें बचातें दिल को जब कातिल से ही इश्क हो रहा था

हम वो है जो आंखो में आंखे डाल के सच जान लेते हैं,
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते है

मुकम्मल इश्क़ की तलबगार नहीं है आंखे,
थोड़ा थोड़ा ही सही रोज तेरे दीदार की चाहत है

लोग कहते है अगर तुम दिल से आँख बंद करोगे,
तो जो तुमसे प्यार करता है उसका चेहरा दीखता है,
मैंने भी‪ JUST TRY किया और‪ तुम याद आ गये

हुक्म तेरा है तामील किये देते हैं,
आँख अभी झील किये देते हैं,
तू वस्ल की बात पे बिगड़ता क्यों है,
रास्ता ही तो है तबदील किये देते हैं.

धार मांगा है उसने हमारी आँखों का काजल अपनी शायरी के लिए,
शर्त हमने भी रख दी शायरी मेरी आँखों पर ही हो

लो मैं आंखों पर हाथ रखती हूं,
तुम अचानक कहीं से आ जाओ

एक-सी शोखी खुदा ने दी है हुस्नो -इश्क को,
फर्क बस इतना है कि वो आंखों में है, ये दिल में हैं

सौंदर्य को आंखों से देखा जाता है,
व्यक्तित्व को हृदय से देखा जाता है

कभी तो कोई देखे हमारी तरफ भी,
किसी की आँखो में हमको भी इंतजार दिखे

तुम्हारे चाँद से चेहरे की अगर दीद हो जाए,
कसम अपनी आँखों की ,हमारी ईद हो जाए

शायरी उन्ही के लबों पर सजती है,
जिनकी आँखों में इश्क़ होता है

क्या हुआ जो हम किसी के दिल में नहीं धड़कते,
आँखों में तो कईयों की खटकते है

कहने की ज़रुरत क्या, बातों की हकीकत क्या,
उतरे न जब तक आँखों में ऐसी भी मोहब्बत क्या

दूरियों की परवा ना कीजिये जब दिल चाहे बुला लीजिये,
हम ज्यादा दूर नहीं आपसे बस आँखों को पलकों से मिला लीजिये

नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर ऑंखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से ऑंखें,
सुना है वो आँखों से अपना बना लेते है

कोई आँखों से बातें करता हैं,
कोई आँखों से मुलाकाते करता हैं,
बड़ा मुश्किल होता हैं जवाब देना,
जब कोई चुप रह के सवाल करता हैं

मोहब्बत के सपने दिखाते बहुत हैं,
वो रातों में हमको जगाते बहुत हैं,
मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे,
इन आँखों को लोग रुलाते बहुत हैं

तेरी आँखों की कशिश भी खींचती है इस कदर,
ये दिल सिर्फ बहलता नहीं बहक जाने की जिद करता है

सिर्फ हाथों को न देखो कभी आँखें भी पढ़ो,
कुछ सवाली बड़े खुद्दार हुआ करते हैं

जब भी हाथ उठे हैं दुआ के लिए
मेरे लबों पे तेरा ही नाम आया,
कब से आँख में छुपा के रखा था,
तेरे दुःख में आज वही आंसू काम आया

पाने से खोने का मज़ा और है,
बंद आँखों से देखने का मज़ा और है,
आंसू बने लफ्ज़ और लफ्ज़ बने गजल,
यादों के साथ जीने का मज़ा कुछ और है

होंठों पे उल्फत का नाम होता है,
आँखों में छलकता जाम होता है,
तलवारों की ज़रूरत वहां कैसे,
जहाँ नज़रों से कत्ल-ए-आम होता है

मैं आपकी खूबसूरती को,
अपनी आंखों में झांकना चाहता हूं

अगर है गहराई तो चल डुबा दे मुझ को,
समंदर नाकाम रहा अब तेरी आँखो 

तेरी आँखों की तौहीन है ये, जरा सोचो? तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है

वो शख्स जिसकी आँखों में इंकार के सिवा कुछ भी नही,
ना जाने क्यों उसकी आँखों पे जिंदगी लुटाने को जी चाहता है

मुझे मालूम है तुमने बहुत बरसातें देखी है,
मगर मेरी इन्हीं आँखों से सावन हार जाता है

ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ नहीं हूँ मगर इतना बताता हूँ,
वो आँखें तुझसे ज़्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूँ

हसीन आँखों को पढ़ने का अभी तक शौक है मुझको,
मुहब्बत में उजड़ कर भी मेरी ये आदत नहीं बदली

वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज समझते रहे,
नादान इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है

खूबसूरत आंखें आत्माओं के अंधेरे को रोक देती हैं

मेरी ‪आँखों में ‪झाँक के तो ‪देख ‎पगली.
कैसे कैसे ‎प्लान बना के ‪बैठा हूँ तुझे ‎पाने के लिए

ढूँढ़ते क्या हो खुद को मेरी आँखों में,
दिल में उतर कर देखो बसेरा है तुम्हारा

इश्क़ के चाँद को अपनी पनाह में रहने दो,
आज लबों को ना खोलो बस आँखों को कहने दो

ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे,
जिसकी आंखों को देख दुनिया फना हैं

तेरी आंखों से तेरे दिल का हाल पता चल जाता है।
अल्फाजों को क्या पढें हमें तेरी खामोशी पढना आता है

पानी में तैरना सीख लीजिये मेरे दोस्तो,
आँखों में डूबने का अंजाम बुरा होता है

बात आंखो की सुनों दिल में उतर जाती है ,
जुंबा का क्या है ये तो अक्सर मुकर जाती है

तेरी आँखों की कशिश खींचती है इस कदर,
ये दिल सिर्फ बहलता नहीं बहक जाता है

नींदे हड़ताल में है “जनाब आँखों की मांगें है,
जब तक उसे देख ना ले तब तक सोयेंगे नही

आँखों में ही देखा दिल में उतरकर नहीं देखा,
कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा,
और पत्थर ही समझते रहे मेरे चाहने वाले,
मै मोम था उसने कभी छूकर नहीं देखा

आँखों मे आँसुओं की लकीर बन गई,
जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई,
हमने तो सिर्फ रेत में उँगलियाँ घुमाई थीं,
गौर से देखा तो आप की तस्वीर बन गई

ज़रा संभालके मोहतरमा
माना कि आपने पलके झुका ली तो मोहब्बत होगी
लेकिन कही हमने आँखे मिला ली तो क़य़ामत होगी

भूरी सी आँख की सफेद सी पुतली है,
फूल से चाँद पर बादलों की तितली है

हम तो फना हो गए उनकी आँखे देखकर,
ना जाने वो आइना कैसे देखते होंगे

कभी-कभी काश मैं तुम्हारी आँखों से देख पाता
ताकि जब तुम मुझे देखो तो मैं वही देख सकूँ जो तुम देखते हो

सच्ची सुंदरता बाहरी रूप नहीं है,
यह दिल और आत्मा में स्थित है,
जो लोगों की आंखों में परिलक्षित होती है

मैं आपकी सुंदरता को अपनी आंखों में समेटना चाहता हूं

प्यार तब होता है जब आप किसी की आँखों में देखते हैं
और वह सब कुछ देखते हैं जो आपको चाहिए

हर महापुरुष के पीछे एक औरत का हाथ होता है जो आंखें मूंद लेती है

कहो
तुम मुझे प्यार करते हो
लेकिन आँखों से

मेरी आँखों में देखो और तुम मुझे पाओगे,
लेकिन मेरे दिल में देखो और तुम तुम्हे पाओगे!

चूँकि हम वास्तविकता को नहीं बदल सकते,
आइए हम उन आँखों को बदल दें जो वास्तविकता को देखती हैं

एक व्यक्ति की आंखें एक कहानी कहती हैं,
आपको बस इसे पढ़ना सीखना होगा

आंखें मुंह से ज्यादा बोलती हैं,
इसे पढ़ने की कोशिश करें

अपनी आँखें सितारों पर,
और अपने पैर ज़मीन पर रखें

आपकी आंखें वो शब्द बोलती हैं
जो आपके होंठ कभी नहीं कहते है।

हकीकत से आंखें बंद कर सकते हैं,
यादों से नहीं

सुंदरता आंखों से देखी जाती है,
व्यक्तित्व दिल से देखा जाता है।