बुद्ध पूर्णिमा एक बौद्ध त्योहार है जिसे गौतम बुद्धा के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (आधुनिक नेपाल) में पूर्णिमा के दिन राजकुमार सिद्धार्थ गौतम के रूप में हुआ था। हिंदू धर्म में, गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा हर साल वैशाख में पड़ने वाली पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व माना गया है। भारत में बुद्ध पूर्णिमा को सार्वजनिक अवकाश डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा घोसित किया गया था जब वे कानून और न्याय मंत्री थे।
ये पूरे भारत की बजाये भारत के कुछ हिस्सों में जायदा उत्साह से बनता है क्योंकि भारत में बुद्ध धर्म के लोग कुछ ही हिस्सों में मौजूद है जैसे की – महाराष्ट्र, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, आदि। हिन्दू योगियों के लिए भी ये दिन बहुत ख़ास है, और इस दिन वो विशेष प्रकार का ध्यान करना पसंद करते हैं क्योंकि इस दिन को आध्यात्मिक विकास के लिए काफी अनुकूल माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा कोट्स हिंदी में
अतीत में मत रहो, भविष्य के सपने मत देखो, मन को वर्तमान क्षण पर केंद्रित करो।
हर सुबह हमारा नया जन्म होता है। आज हम जो करते हैं वह सबसे ज्यादा मायने रखता है।
परेशानी ये है कि तुम्हे लगता है तुम्हारे पास समय है।
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है; इसमें आप ही जलते हैं
आप वो है जो आप रह चुके है, आप वो होंगे जो आप करेंगे।
स्वस्थ रहने के लिए, परिवार को ख़ुशी देने के लिए, सभी को शांति देने के लिए, व्यक्ति को सबसे पहले स्वयं के मन को अनुशासन में रखना होगा। अगर कोई व्यक्ति अपने मन को अनुशासन में कर लेता है तो वो ज्ञान की तरफ बढ़ता है।
यह मनुष्य का अपना मन है न कि उसका शत्रु जो उसे बुरे मार्ग पर ले जाता है।
तुम्हे अपने गुस्से के लिए दंडित नहीं किया जाएगा, तुम्हे अपने गुस्से द्वारा दंडित किया जाएगा।